कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से बचाव के लिए पूरा देश लॉकडाउन है। ऐसे में स्कूलों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों से हो रही हैै। पढ़ाई से बच्चे बोर ना हों, इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को जॉयफुल लर्निंग (आनंदपूर्ण तरीके) से पढ़ाई कराने पर फोकस करने के लिए कहा है। उन्हें एनसीईआरटी के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है जो गतिविधियों के जरिये आनंदपूर्ण तरीके से सीखने पर जोर देता है।
सीबीएसई ने एनसीईआरटी द्वारा पहली से बारहवीं के छात्रों के लिए विकसित वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने की सलाह दी है। यह कैलेंडर विशेष रुप से उन गतिविधियों के आधार पर विकसित किया गया है जो आनंदपूर्ण तरीके से सीखने पर जोर देती हैं। बोर्ड का मानना है कि ऐसे में जब बच्चा घर में है तो उसे रचनात्मक और आनंदपूर्वक पढ़ाई कराई जा सकती है।
बोर्ड ने रसोईघर को सीखने के लिए सबसे अच्छी लैब बताया है। इससे वह मिलनसार भी बनेगा और उसमें चीजों को देखकर सीखने की क्षमता का विकास होगा। स्कूल अपने विद्यार्थियों के माता-पिता से कहें कि वह रसोई के काम में हिस्सा लेने के लिए उन्हें प्रेरित करें। इससे ना केवल वह खाना पकाना सीखेंगे बल्कि वर्गीकरण, संगठन, मात्रा, अनुपात, स्वच्छता, समय, पोषण के संबंध में भी सीखेंगे। वहीं घर के काम करने से उन्हें स्पेस मैनेजमेंट, टाइम मैैनेजमेंट, सेल्फ मैनेजमेंट सिखाया जा सकता है। इसके लिए शिक्षक इनोवेटिव कंटेंट, टाइमटेबल, असाइनमेंट व प्रश्न बैंक तैयार कर सकते हैं।